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Abstract

डा0 अम्बेडकर ने अपने समकालीनों के विपरीत भारत माता की अवधारणा को खारिज किया । उन्होने ‘बहिश्कृत भारत’ का विचार दिया, जो टुकडों में बटे इस देषे के यर्थाथ को प्रतिबिंबित करता था । भारत विभिन्न समुदायों और पहचानों का देष था ।

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