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Abstract
वस्तुतः भारत का संसदीय लोकतंत्र विश्व में सबसे बड़ा होने के कारण कुछ जटिलताएं लिए हुए है। भारत की दलीय व्यवस्था में चुनाव का विशेष महत्व है। चुनाव ऐसी व्यवस्था है जो संसदीय लोकतंत्र को गति प्रदान करती है। अब तक भारत में 16 लोकसभा तथा सैंकड़ां विधानसभाओं के चुनाव हो चुके हैं। चूंकि प्रथम चुनाव से लेकर वर्ष 1967 तक देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होते रहे, अतः संसदीय लोकतंत्र के मार्ग में कोई बाधा उत्पन्न नहीं हुई।