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Abstract

श्री नारायण गुरु एक रहस्यवादी संत, कवि,दार्शनिक ,समाज सुधारक, शिक्षाविद तथा मनुष्यत्व का अद्भुत सम्मिश्रण थे । वह एक असाधारण संत थे ,जिन्होंने गरीबों और समाज के  दबे कुचले वर्गों के सामाजिक एआर्थिक तथा शैक्षणिक स्तर को ऊंचा उठाने का प्रयास किया।  अपने जीवन और कार्यों से केरल के समाज के साथ.साथ दक्षिण भारत के समाज में गुरु जी संपूर्ण परिवर्तन लेकर आए।  यदि आज केरल शत प्रतिशत साक्षरता वाला प्रदेश है और मानवीय विकास की सूची में प्रथम स्थान पर है तो  सिर्फ श्री नारायण गुरु के योगदान की वजह से है ।श्री नारायण गुरु जी ने समाज के निम्न वर्ग के विकास के लिए अनेक प्रयास किए । उन्होंने निम्नवर्ग के मंदिरों में प्रवेश के लिए अनेक आंदोलन किएए अपने स्तर पर मंदिरों का निर्माण करवाया । वे मानते थे कि सभी मनुष्यों की एक जातिए एक धर्म है । वह मनुष्य के जन्म के आधार पर भेदभाव के खिलाफ थे । उन्होंने उस समय भी शिक्षा के विकास पर बल दियाए समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई ।

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