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Abstract

भूमंडलीकरण ने समूचे विश्व के समक्ष अनेक चुनौतियाँ खड़ी की हैं, वास्तव में इसका संबंध अर्थतंत्र से है इस आर्थिक संबंध के कारण ही पूरा विश्व एक बाजार बन चुका है। 1990 के दशक में भारत में वैश्वीकरण को अपनाया गया जिसका भारतीय संस्कृति पर प्रभाव देखा गया यह प्रभाव सकारात्मक भी है तथा नकारात्मक भी। सकारात्मक प्रभाव के अंतर्गत हमें देखने को मिलता है कि किस तरह देशों के मध्य संपर्क बढ़ा है तथा इसके अंतर्गत सकारात्मक विचारों को अपनाया गया, व्यक्तिगत अधिकारों को बढ़ावा मिला, देश को तरक्की के नए माध्यम मिले तथा वहीं दूसरी तरफ नकारात्मक रूप में इस वैश्वीकरण ने भारतीय संस्कृति पर अपना प्रभाव डाला जिससे यहाँ की संस्कृति में परिवर्तन देखने को मिला जैसे कि - खान-पान में बदलाव आया, पहनावे में परिवर्तन तथा व्यक्तियों में धीरे-धीरे एकता, देश के प्रति सम्मान, राष्ट्रभक्ति की भावना विलुप्त होती गई अब इनके स्थान पर पाश्चात्य संस्कृति की शैली को अपनाया जा रहा है वहाँ के रहन-सहन, खान-पान तथा विचारों को महत्ता दी जाने लगी जिससे भारतीय संस्कृति पर गहरा प्रभाव पड़ा।

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